Madhu varma

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लेखनी कविता - छक्का - बालस्वरूप राही

छक्का / बालस्वरूप राही


बैट पकड़ हाथों में पक्का,
पप्पू जी ने मारा छक्का।
गेंद फेंकने वाला सोनूम
खड़ा रह गया हक्का-बक्का।

देख मैच टी-वी पर आला,
बॉबी हुआ बड़ा मतवाला।
पापा से मंगवाकर उसने,
पहना दी टीवी को माला।

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